Tuesday, November 12, 2013

नेहरु और पटेल


नेहरु और पटेल को लेकर बड़ी चर्चा हो रही है-  एक देश के प्रथम प्रधान मंत्री थे तो दूसरे देश के प्रथम गृह मंत्री थे... और इन दोनों ने अपनी अपनी योग्यता सिद्ध की थी.  पर अभी जो हल्ला हो रहा है वह सियासती ज्यादा है-  चल रहे चुनाव या आने वाले चुनाव को देखते हुए लोग देश की जनता को बरगलाने का काम कर रहे हैं.  यदि इसके पीछे गुजरात वाली भावना काम कर रही है तो यह देखा जाना चाहिए कि वल्लभ भाई पटेल सारे देश के नेता थे न कि केवल गुजरात के.  यह वही गुजरात है जिसने दुनिया के सबसे बड़े महापुरुष महात्मा गाँधी को पैदा किया और यह भी ध्यान देने की बात है कि इसी महात्मा गाँधी ने देश के पहले प्रधान मंत्री के लिए नेहरु को चुना था जबकि पटेल उनके भी बहुत करीब थे. लेकिन महात्मा गाँधी क्षेत्रियता जातियता साम्प्रदायिकता जैसी चीज़ से बहुत उपर थे.  वे न केवल सारे देश के थे बल्कि पूरे विश्व के थे.  आज सारी दुनिया में ग्लोबल सोच को बल मिल रहा है. 

 
नेहरु केवल एक राजनेता नहीं थे वे विश्व मानव थेमहान चिन्तक थे.  कुशल प्रशासक थे, भारतीय संस्कृति व पाशचात्य सभ्यता और दुनिया की उन्हें गहरी समझ थी.  विज्ञानं और आधुनिकता की खूब पहचान थी,  साहित्य, संस्कृति, खेलकूद सब में रचे बसे थे.  वे खुद घुडसवार थे, क्रिकेट व स्केटिंग के खिलाडी थे ,. अच्छे वक्ता थे.  प्रधान मंत्री होने के बाद उन्होंने भारत् वर्ष के लिए जो किया उसकी कल्पना उन्होंने बहुत पहले अपनी किताब 'डिस्कवरी ऑफ इंडिया' में कर ली थी.  उनकी पांच किताबें थी जो विश्व भर में चर्चित थी. वे देश में १७ वर्ष प्रधान मंत्री रहे. दुनिया के सभी प्रधान मंत्री और राष्ट्रपति ने उनकी योग्यता का लोहा माना था. यह माना जाता है कि वे स्वतंत्र भारत के सबसे लोकप्रिय व्यक्ति थे. उनके समय में देश में और भी जन नायक थे पर नेहरु इन सब में अलहदा थे और इसीलिए गाँधी ने उन्हें चुना था.

   

-    विनोद साव

 

Monday, November 11, 2013

विजय दान देथा उर्फ बिज्जी


 

 

साहित्यकार विजय दान देथा नहीं रहे जिन्हें बिज्जी के नाम से भी जाना जाता था.  वे अपनी हिंदी कहानियो में राजस्थानी लोक जीवन के लिये जाने जाते थे.  इस मायने में उन्हें हिंदी कथा जगत में फणीश्वर नाथ रेणु की परंपरा में देखा गया है. मैंने उनकी कहानी 'मरवण' पढ़ी और उनकी एक कहानी पर बनी फिल्म 'पहेली' देखी.  उनकी कहानी और फिल्म *पहेली' दोनों ही राजस्थान के  लोक जीवन से रची बसी है  फिल्म 'पहेली' शाहरूख खान की सर्वश्रेष्ठ फिल्म है. छत्तीसढ़ में लिखी जा रही हिंदी कहानियो में इस तरह का प्रयोग परदेशी राम वर्मा की कहानियो में देखा जा सकता है. बिज्जी यानि विजय दान देता हिंदी के ऐसे संभावनाशील कहानीकार थे जो कुछ दिन और जी जाते तो उन्हें साहित्य के नोबल पुरस्कार से भी नवाजा जाटा.  -

 

विनोद साव